एम्पियर का परिपथ नियम क्या है || लारेन्ज बल से क्या समझाते हैं (Lorentz Force)
Class 12th Physics

एम्पियर का परिपथ नियम क्या है || लारेन्ज बल से क्या समझते हैं (Lorentz Force)

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एम्पियर का परिपथ नियम क्या है || लारेन्ज बल से क्या समझते हैं (Lorentz Force)

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♦ एम्पियर का परिपथ नियम (Ampère’s circuital law) ♦

विद्युत – चुंबकत्व में एम्पियर का परिपथ नियम स्थिर – वैद्युत में गॉस नियम के तुल्य है। इस नियम के अनुसार— निर्वात में किसी बंद वक्र के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता B का रेखा समाकलन उस बंद वक्र द्वारा घिरे क्षेत्रफल में से गुजरने वाली कुल विद्युत धारा का μ0 गुना होता है।

गणितीय व्याख्या :-

माना असीमित लंबाई के एक चालक XY में i धारा प्रवाहित हो रही है। इस चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं सकेंद्रीय वृत्तों के रूप में होगी। चालक से r दूरी पर बिंदु P है जिस पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता

चुंबकीय क्षेत्र रेखा पर एक अल्पांश dl की कल्पना करते हैं। इसलिए B तथा dl की दिशा समान है अर्थात उनके बीच का कोण 0⁰ होगा।
अतः r त्रिज्या के वृत्त के चारों ओर B का रेखीय समाकलन

यह नियम किसी भी आकृति के बंद वक्र के लिए सत्य है।

एम्पियर का परिपथ नियम क्या है || लारेन्ज बल से क्या समझते हैं (Lorentz Force)

लारेन्ज बल (Lorentz Force):-

यदि कोई आवेशित कण किसी चुंबकीय क्षेत्र में गति करता है तो कण पर एक बल आरोपित होता है जिसे चुंबकीय बल या लॉरेंज बल कहते हैं।

लॉरेंज बल की दिशा कण के वेग की दिशा तथा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लंबवत दिशा में होती है।
माना आवेशित कण q , चुम्बकीय क्षेत्र B में क्षेत्र की दिशा के लंबवत V वेग से गति कर रहा हो तो लारेंज बल
         F = qvB
यदि कण चुंबकीय क्षेत्र के दिशा के लंबवत न होकर θ कोण बना रहा हो तो लॉरेंज बल
        F = qvBSinθ
( θ = V तथा B के बीच का कोण )

सदिश रुप में,

Special Cases:-

(i) यदि v = 0 अर्थात् आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में स्थिर हो, तो F = 0
अर्थात् स्थिर आवेशित कण पर चुम्बकीय क्षेत्र में बल कार्य नहीं करता ।

(ii) यदि θ = 0⁰ या 180⁰ अर्थात् आवेशित कण के वेग की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अथवा उसके विपरीत हो, तब sinθ का मान शून्य होगा। अतः F = 0
अतः चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अथवा उसके विपरीत दिशा में गतिमान आवेशित कण पर कोई बल कार्य नहीं करता और कण नियत वेग से सरल रेखीय मार्ग पर गति करता है।

(iii) यदि θ = 90⁰ अर्थात् आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् दिशा में गतिमान हो, तो sin 90⁰ = 1
           F max = qv B
अत: कण चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् तल में वृत्तीय मार्ग पर समान चाल से गति करता है।


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