विद्युत चुंबकीय तरंग क्या है इनके गुणों को लिखें | What is electromagnetic wave? Write its properties.
Class 12th Physics

विद्युत चुंबकीय तरंग क्या है इनके गुणों को लिखें | What is electromagnetic wave? Write its properties.

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What is electromagnetic wave ? Write its properties

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♦ विधुत चुम्बकीय तरंग (Electromagnetic Wave) ♦

यदि किसी बिंदु पर विद्युत या चुम्बकीय क्षेत्र का विक्षोभ उत्पन्न होता है तो यह क्षेत्र तरंग के रूप में प्रकाश के वेग से संचरित होते हैं, इस तरंग को विद्युत चुंबकीय तरंग कहते है।
                              या,
ऐसी तरंग जिनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता ना हो विद्युत चुंबकीय तरंग कहलाता है।

विद्युत चुम्बकीय तरंगो की उत्पत्ति का स्त्रोत :-

आवेश की दोलनी गति के कारण परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र, परिवर्ती विद्युत क्षेत्र का निर्माण करता है। अब उन्हें यह परिवर्ती विद्युत क्षेत्र परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण करेगा। इस प्रकार परिवर्ती विद्युत तथा परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र एक – दूसरे के लिए स्त्रोत का कार्य करते हैं, जिससे विद्युत चुंबकीय तरंगों की उत्पत्ति होती है।

→ जिस आवृत्ति से आवेश दोलन करता है उसी आवृत्ति की विद्युत चुंबकीय तरंगें उत्पन्न होती है।
→ विद्युत चुंबकीय तरंगों में विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र के बीच कोण 90⁰ तथा कालांतर 0⁰ होता है।

विद्युत चुंबकीय तरंगों के गुण :-

(i) विद्युत चुंबकीय तरंगे त्वरित आवेशों से उत्पन्न होती है।
(ii) ये तरंगें अनुप्रस्थ प्रकृति की होती हैं।
(iii) विद्युत चुंबकीय तरंगों के संरक्षण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है, अर्थात यह निर्वात में भी गति कर सकता है।
(iv) विद्युत चुंबकीय तरंगे जिस सतह पर आपतित होती है, वहां दाब डालती है।
(V) यह तरंगे ऊर्जा का संचरण करती है अतः इसमें संवेग होता है।
(Vi) विद्युत क्षेत्र का आयाम Eo तथा चुंबकीय क्षेत्र का आयाम Bo हो तो,
     Eo = C. Bo

     Bo = Eo/ C

(Vii) विद्युत चुंबकीय तरंगे निर्वात में C = 1/√μ0ε0 = 3 × 108 m/s वेग से संचरित होती है।
[ Note :- निर्वात में प्रकाश की चाल = C = 1/√μ0ε0 = 3 × 108 m/s ]
(Viii) यह तरंगे अध्यारोपण सिद्धांत का पालन करती है।अतः परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन तथा ध्रुवण इत्यादि को दर्शाता है‌।
(iX) विद्युत चुंबकीय तरंगों की ऊर्जा विद्युत ऊर्जा तथा चुंबकीय ऊर्जा के रूप में बराबर बटी रहती है। अतः इनकी कुल ऊर्जा इन दोनों के योग के बराबर होती है।

मैक्सवेल का समीकरण

1862 ईo में मैक्सवेल ने विद्युतिकी और चुंबकत्व के मूल नियमों के आधार पर चार मूलभूत समीकरण दिए। मैक्सवेल ने अपने चार समीकरणों के आधार पर इस तथ्य को उजागर किया कि कोई त्वरित वैधुत आवेश के कारण ही विद्युत चुंबकीय तरंगे विकरित होती है एवं ऐसी तरंगे परिवर्तनशील विद्युतीय एवं चुंबकीय क्षेत्र जो परस्पर एक दूसरे पर लंबवत होते हैं, के लंबवत दिशा में निर्वात में प्रकाश की चाल से गमन करते हैं।

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विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic spectrum) :-
विद्युत चुंबकीय तरंगों को तरंगदैर्ध्य (आवृत्ति) के अनुसार क्रमबद्ध करना विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम कहलाता है। तरंगदैर्ध्य के आधार पर विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम को निम्न सात भागों में विभाजित किया गया है।

 

1. रेडियो तरंगें (Radio Waves) :- रेडियो तरंगे चालक तारों तथा एंटीना में चालक तारों में त्वरित आवेशों के कारण होती है। इन्हें इलेक्ट्रॉनिक युक्तियां तथा LC दोलित्र का उपयोग करके उत्पन्न किया जाता है।
→ इन तरंगों का तरंगदैर्ध्य 100 किलोमीटर से लेकर 1 सेंटीमीटर के बीच होता है।
→ इनका उपयोग रेडियो तथा टीवी के प्रसारण में किया जाता है।

⇒ रेडियो तरंगों का मुख्य अनुप्रयोग के तौर पर इसका उपयोग संचार व्यवस्था (Communication System) में किया जाता है। लेकिन रेडियो तरंगों की आवृत्ति परास (Frequency Range) भिन्न-भिन्न होने के कारण ऐसे तरंगों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत कर इनके अनुप्रयोगों को समझा जा सकता है-

(i) अति निम्न आवृत्ति की रेडियो तरंगें :- इन तरंगों का आवृत्ति परास 10 kHz से 30 kHz तक की होती है। अतः इस प्रकार की तरंगों का उपयोग कम दूरी के लिए तथा बिन्दु से बिन्दु संचार के लिए किया जाता है।

(ii) निम्न आवृत्ति की रेडियो तरंगें :- इन तरंगों का आवृत्ति परास 30 kHz से 300 kHz तक होती है। ऐसी तरंगों का उपयोग समुद्री संचार व्यवस्था एवं नौचालन (Navigation) में किया जाता है ।

(iii) मध्यम आवृत्ति की रेडियो तरंगें :- इन तरंगों का आवृत्ति परास 300 kHz से 3000 kHz तक होती है। इन तरंगों का उपयोग आयाम मॉडुलित (Amplitude Modulated – AM) संचार व्यवस्था में किया जाता है।

(iv) उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगें :- इन तरंगों का आवृत्ति परास 3000kHz से 50000kHz तक होती है। ऐसी तरंगों का उपयोग अधिक दूर की संचार व्यवस्था के लिए किया जाता है।

(v) अति उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगें :- इन तरंगों की आवृत्ति परास 50,000 kHz से 30000 kHz तक होती है। ऐसी रेडियो तरंगों का उपयोग FM रेडियो प्रसारण, रडार एवं टेलीविजन के कार्यक्रमों के प्रसारण में किया जाता है।

(vi) परा उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगें :- इन तरंगों का आवृत्ति परास 300000 kHz (= 300MHz ) से 3000000 kHz (= 3000MHz ) तक होती है। ऐसी रेडियो तरंगों का उपयोग अधिक दूरी की संचार व्यवस्था में किया जाता है। सेल्युलर फोन में UHF रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है। आजकल के आधुनिक टेलीविजन (LCD, LED) इत्यादि में UHF रेडियो तरंगों का प्रयोग होता है।

2. सूक्ष्म तरंगें (Micro Waves) :- इन तरंगों का तरंगदैर्ध्य 1 mm से अधिक तथा 30 cm से कम होता है। ऐसी तरंगों का आवृत्ति परास 10⁹ Hz से 3 × 10¹¹ Hz तक होता है। इनकी खोज वैज्ञानिक हर्टज ने 1888 में की थी। इन तरंगो की उत्पत्ति विशेष प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक परिपथ द्वारा होता है।
इनका उपयोग वायुयानों के नौचालन में, रडार संचार – व्यवस्था अणु – परमाणु की खोज में किया जाता है। इसके अतिरिक्त ऐसी तरंगों का उपयोग माइक्रोवेव ओवन में खाद्य पदार्थों को पकाने या गर्म करने में किया जाता है।

3. अवरक्त किरणें (Infrared Rays) :- अवरक्त किरणों का तरंगदैर्घ्य 1 mm से 70 nm के बीच होती है एवं आवृत्ति परास 10¹¹ Hz से 4.3 × 10⁴ Hz के बीच होता है। यह गर्म वस्तुओं के अणुओं द्वारा उत्सर्जित होती है तथा अधिकांश पदार्थ द्वारा अवशोषित की जाती है। अवरक्त किरणों में कई व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक उपयोग है।
अवरक्त किरणों की खोज विलियम हारसेल ने 1800 ईस्वी में की। T.V सेट (LED/LCD) के रिमोट में भी इन किरणों का उपयोग किया जाता है। चिकित्सा – विज्ञान में भी इन किरणों का उपयोग मांसपेशियों के खिंचाव का उपचार करने में किया जाता है।

4. दृश्य प्रकाश किरणें (Visible Light Rays) :- दृश्य प्रकाश किरणों की तरंगदैर्घ्य परास 400 nm से 700 nm तक होती है एवं इसका आवृत्ति परास 4.3 × 10¹⁴ Hz से 7.5 × 10¹⁴ Hz तक होती है। इसके स्रोत सूर्य तथा तारों के अतिरिक्त ज्वाला, विद्युत बल्ब, आर्क लैंप आदि ताप दीप्ति वस्तुएं हैं, प्रकाश से ही हमें दिखाई देती है।
इन किरणों का उपयोग फोटोग्राफी एवं प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शिकी में किया जाता है। मानव जीवन में ऊर्जा के एक वृहद स्रोत के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है।

5. पराबैगनी किरणें (Ultraviolet rays) :- पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet – UV rays) की तरंगदैर्ध्य परास 400 nm से 0.6 nm तक होती है एवं इसकी आवृत्ति परास 7.5 × 10¹⁴ Hz से 5.0 × 10¹⁵ Hz तक होती है। ऐसी किरणें पदार्थ के परमाणुओं के उत्तेजन द्वारा उत्पन्न होती है। सूर्य पराबैंगनी प्रकाश का मुख्य स्रोत है। कम तरंगदैर्ध्य के कारण ऐसी किरणें (तरंगें) जीव-जन्तुओं के जीवित ऊतकों के लिए बहुत ही हानिकारक होती है।
पराबैंगनी किरणें त्वचा को झुलसाने तथा त्वचा कैंसर का कारण बनती है। वायुमंडल में उपस्थित ओजोन परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके हमें इनके हानिकारक प्रभाव से बचाती है। इनका उपयोग जल शोधकों में जीवाणुओं को मारने फिंगरप्रिंट में किया जाता है।

6. एक्स-किरणें (X-rays) :- X -किरणों की खोज सन् 1895 ई. में प्रोफेसर रॉन्जन (Roentgen) द्वारा की गई थी। X -किरणों की तरंगदैर्ध्य परास 10 nm से 10-4 nm के बीच की होती है तथा इन किरणों की आवृत्ति परास 5 × 10¹⁵ Hz से 3 × 10¹⁸ Hz तक होती है ।
X -किरणों का उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में टूटी हुई हड्डी का पता लगाने तथा शरीर में लगी गोली के स्थान को पता करने में किया जाता है। X -किरणों का उपयोग से रेडियोथैरेपी में चर्म रोगों, कैंसर तथा ट्यूमर के निवारण में किया जाता है।

7. गामा किरणें (Gamma rays) :- गामा किरणों की तरंगदैर्घ्य सभी वैद्युत चुंबकीय तरंगों की तुलना में न्यूनतम होती है तथा इन किरणों की तरंगदैर्घ्य परास 10-10 met (1Å) से 10-14met तक होती है। गामा किरणों की आवृत्ति परास 3 × 10⁸ Hz से 3 × 10²² Hz तक होती है । गामा किरणों की विभेदन क्षमता (Penetrating Power) अन्य वैद्युत चुंबकीय तरंगों की तुलना में सर्वाधिक होती है ।
इन किरणों का उपयोग कैंसर के उपचार में किया जाता है। तथा पदार्थों के परमाणु की नाभिकीय संरचना ज्ञात करने में करते हैं।

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प्रश्न :- विद्युत चुम्बकीय तरंगों की प्रकृति होती है।

(A) अनुप्रस्थ

(B) अनुदैर्ध्य

(C) अनुप्रस्थ और अनुदैर्घ्य दोनों

(D) यांत्रिक

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(A) अनुप्रस्थ


प्रश्न :- निम्नलिखित में कौन विद्युत चुम्बकीय तरंग नहीं है ?

(A) प्रकाश तरंगें

(B) X-किरणें

(C) ध्वनि तरंगें

(D) अवरक्त किरणें

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(C) ध्वनि तरंगें


प्रश्न :- निम्न में कौन-सी किरणें विद्युत क्षेत्र द्वारा विक्षेपित नहीं होती है ?

(A) X – किरण

(B) γ – किरण

(C) अल्फा – किरण

(D) कैथौड – किरण

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(B) γ – किरण


प्रश्न :- निम्नलिखित में से किस वैद्युत चुम्बकीय विकिरण का तरंगदैर्ध्य न्यूनतम है ?

(A) पराबैंगनी

(B) एक्स-किरणें

(C) सूक्ष्म तरंगें

(D) गामा किरणें

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(D) गामा किरणें

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प्रश्न :- X- किरणें हैं।

(A) गतिमान इलेक्ट्रॉन

(B) गतिमान धनात्मक आयन

(C) गतिमान ऋणात्मक आयन

(D) विद्युत चुम्बकीय तरंगें

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(D) विद्युत चुम्बकीय तरंगें


प्रश्न :- विद्युत चुम्बकीय तरंग में विद्युतीय तरंग तथा चुम्बकीय तरंग के बीच कलान्तर होता है।

(A) π

(B) π /2

(C) π /3

(D) शून्य

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(D) शून्य

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प्रश्न :- इनमें से कौन विद्युत चुम्बकीय तरंगें रेडियो तथा T.V. संचार में उपयोग होता है ?

(A) रेडियो तरंगें

(B) γ -किरणें

(C). X-किरणें

(D) इनमें से कोई नहीं

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(A) रेडियो तरंगें


प्रश्न :- अवरक्त किरणें किसके बीच पड़ता है ?

(A) रेडियो तरंगें एवं सूक्ष्म तरंगें के बीच

(B) सूक्ष्म तरंगें एवं दृश्य क्षेत्र के बीच

(C) दृश्य तथा पराबैंगनी क्षेत्र के बीच

(D) पराबैंगनी एवं एक्स किरणों के बीच

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(B) सूक्ष्म तरंगें एवं दृश्य क्षेत्र के बीच


प्रश्न :- विद्युत-चुंबकीय तरंग की उत्पति का मूल कारण है।

(A) आवेश की एकसमान गति

(B) आवेश की त्वरित गति

(C) आवेश की स्थिर स्थिति

(D) तार से प्रवाहित एकसमान धारा

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(B) आवेश की त्वरित गति


प्रश्न :- प्रयोगशाला में विद्युत-चुंबकीय तरंगों को उत्पन्न करके उनके अस्तित्व का सर्वप्रथम प्रदर्शन किसने किया ?

(A) मैक्सवेल ने

(B) हर्ट्ज ने

(C) मारकोनी ने

(D) जगदीशचंद्र बसु ने

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(B) हर्ट्ज ने


प्रश्न :- निम्नलिखित में कौन सबसे अधिक आवृत्ति की विद्युत-चुंबकीय तरंगें हैं ?

(A) गामा किरणें

(B) X-किरणें

(C) पराबैंगनी विकिरण

(D) अवरक्त विकिरण

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(A) गामा किरणें

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