What is electromagnetic induction and write Lange’s law ?
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♦ विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) ♦
चुम्बकीय फ्लक्स (Magnetic Flux) :- चुम्बकीय क्षेत्र में किसी तल से उसके लम्बवत गुजरने वाली कुल बल रेखाओं की संख्या को उस तल से सम्बद्ध ‘चुम्बकीय फ्लक्स’ कहते हैं।
• इसे प्रायः ग्रीक अक्षर (Φ) से प्रदर्शित करते हैं।
माना एक तल जिसका क्षेत्रफल A है, किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B के लम्बवत रखा है। परिभाषा के अनुसार, इस तल से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स
Φ = BA
यदि चुम्बकीय क्षेत्र B तल के लम्बवत न होकर तल पर खींचे गये अभिलम्ब से θ कोण बना रहा है [ चित्र (b) ], तो तल से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स
Φ = BA cosθ
• चुंबकीय फ्लक्स एक अदिश राशि है।
• चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक ‘वेबर‘ (weber) होता है, और इसे ‘Wb’ से प्रदर्शित करते हैं।
[ Electric flux = ML² T -2 A-1]
What is electromagnetic induction and write Lange’s law ?
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) :- यदि किसी बंद परिपथ में चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है जिससे प्रेरित धारा बहती है, इस घटना को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते है।
फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम (Faraday’s Laws of Electromagnetic Induction) :-
प्रायोगिक परिणामों के आधार पर फैराडे ने विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सम्बन्ध में अग्रलिखित दो नियम दिये-
(i) पहला नियम :- जब किसी बंद परिपथ से होकर चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो उस परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल तथा प्रेरित धारा उत्पन्न होती है और यह तब तक उत्पन्न होती है जब तक कि चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता रहता है।
(ii) दूसरा नियम :- किसी परिपथ मे प्रेरित विधुत वाहक बल का परिमाण उस परिपथ से फ्लक्स में परिवर्तन की ऋणात्मक दर के बराबर होता है।
यदि dt समय अंतराल में चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन dΦ हो तो कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल
e = – dΦ/dt
यदि कुण्डली मे फेरो की संख्या N हो तो
e = – N (dΦ)/(dt)
ऋणात्मक चिन्ह यह प्रदर्शित करता है कि प्रेरित विद्युत वाहक बल हमेशा फ्लक्स परिवर्तन का विरोध करता है।
लेंज का नियम (Lenz’s law) :-
प्रेरित विधुत वाहक बल तथा प्रेरित धारा की दिशा लेंज नियम से दी जाती है। इस नियम के अनुसार-
किसी कुंडली मे प्रेरित विधुत वाहक बल तथा प्रेरित धारा की दिशा हमेशा इस प्रकार होती है कि वह उस कारण का ही विरोध है जिस कारण वह स्वयः उत्पन्न होती है।
लेंज का नियम मे ऊर्जा संरक्षण : –
लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण पर आधारित है। यदि किसी चुम्बक का उत्तरी ध्रुव कुण्डली कुंडली के निकट लाते हैं तो कुंडली में बहने वाली धारा की दिशा Anticlock wise होती है तो यह सिर उतरी ध्रुव की तरह व्यवहार करता है, जो चुंबक के उत्तरी ध्रुव को पास आने का विरोध करता है।
यदि यह सिरा उत्तरी ध्रुव न बनकर दक्षिणी ध्रुव बनता है तो कुंडली में से प्रतिकर्षण की जगह आकर्षण होता है तो वह चुंबक कुंडली को त्वरित करता है जिससे त्वरण बढ़ने के साथ कुंडली में धारा बढ़ती है तथा छोटे से कार्य से बहुत अधिक ऊर्जा वृद्धि कर सकता है जो कि असंभव है।
अतः चुंबक को कुंडली के पास लाने के लिए प्रतिकर्षण के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है। यह कार्य विद्युत वाहक बल के रूप में प्राप्त होता है बाद में यही कार्य उसमें ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है। अतः लेंस का नियम ऊर्जा संरक्षण नियम का पालन करती है।
What is electromagnetic induction and write Lange’s law ?
प्रश्न:- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की घटना के आविष्कारक थे-
(A) लेंज
(B) फैराडे
(C) रूमकार्फ
(D) फ्लेमिंग
प्रश्न:- एक चुम्बक एक बन्द चालक के निकट स्थित है। चालक में धारा उत्पन्न की जा सकती है यदि-
(A) केवल चुम्बक गतिशील हो
(B) केवल चालक गतिशील हो
(C) चुम्बक तथा चालक दोनों गतिशील हों
(D) चालक और चुम्बक के बीच आपेक्षिक गति हो
प्रश्न:- लेंज का नियम संबद्ध है।
(A) आवेश से
(B) द्रव्यमान से
(C) ऊर्जा से
(D) संवेग के संरक्षण सिद्धांत से
प्रश्न:- चुंबकीय फ्लक्स का S.I मात्रक होता है।
(A) वेबर
(B) वाट
(C) टेसला
(D) जूल
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