What is communication system Write the methods of communication system
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♦ संचार व्यवस्था (Communication System) ♦
किसी सूचना या सकेत को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजना संचार कहलाता है। तथा इसके लिए काम में ली गई व्यवस्था संचार व्यवस्था कहलाती है।
संचार की विधियाँ :-
1. बिंदु से बिंदु संचार ( point to Point communication) :- इस विधि में एकल प्रेषित एवं एकल ग्राही होता है।
उदाहरण :- टेलीफोन पर दो व्यक्तियों के बीच वार्तालाप।
2. प्रसारण विधि (Broadcast) :- इसमें एकल प्रेषित एवं अनेक अभिग्रही होते हैं।
उदाहरण :- टेलीविजन तथा रेडियो पर कार्यक्रम प्रसारण ।
संचार व्यवस्था में प्रयुक्त पदों की परिभाषा :-
1. ट्रान्सश्यूसर → वह युक्ति जो ऊर्जा के एक रूप को दूसरे रूप में परिवर्तित करती है।
2. सिग्नल→ सूचना स्रोत द्वारा प्राप्त विद्युत या प्रकाशीय प्रारूप जो लगातार बदलते रहते है, सिग्नल कहलाता है।
Signal के प्रकार :-
(a) Analog Signal (अनुरूप संकेत)→ वैसा सिग्नल जिसमें Voltage के Variation कम या ज्यादा कुछ भी हो सकते है, Analog Signal कहलाता है।
(b) Digital Signal (अंकीय संकेत)→ वैसा सिग्नल जिसमें Voltage के केवल दो Variation 0 तथा 1 होते है, Digital Signal कहलाता है।
3. शोर ( Noise) → अवांछित सिग्नल जो सन्देश भेजने में या प्राप्त करने में आ जाते हैं, उन्हें शोर कहा जाता है।
4. प्रेसित्र (Transmitter) → इसका कार्य सूचना स्त्रोत से प्राप्त सूचना को सिग्नलों में परिवर्तित करके माध्यम को सौपना है ।
5. माध्यम / चैनल → यह प्रेसित तथा अभिग्राही के मध्य की कड़ी है जिसमें सिग्नल प्रसारित होता है।
6. अभिग्राही ( Reciver) → इसका कार्य माध्यम से प्राप्त सिग्नलो को सूचना मे परिवर्तित कर उपयोगकर्ता तक पहुंचाना है।
7. क्षणिता ( Allenuation) → सिग्नल की प्रबलता में क्षति होना क्षणिता कहलाता है।
8. प्रवर्धन ( Amplification)→ किसी भी दुर्बल सिग्नल की प्रबलता को बढ़ा देना प्रवर्धन कहलाता है।
9. पराम (Range )→ स्त्रोत तथा लक्ष्य के बीच की वह अधिकतम दूरी जहाँ तक पर्याप्त प्रबलता से सिग्नल पहुंच सके , परास कहलाता है।
10. बैंड चौड़ाई (Band Width ) → सिग्नल में तरंगो का आवृति परास बैंड चौड़ाई कहलाता है।
11. माडुलन (Modulation)→ मूल संकेतो (निम्न आवृत्ति) को वाहक तरंग ( उच्च आवृति) पर अध्यारोपित करने की प्रक्रिया माडुलन कहलाता है।
12. डिमाडुलेशन (Demootulation) → प्रेसित्र से प्राप्त उच्च आवृति की तरंगो से सूचना सिग्नल प्राप्त करना, डिमाडुलेशन कहलाता है।
13. पुनरावर्तक (Repeater)→ ग्राही तथा पेशी के बीच सिग्नल की प्रबलता बढ़कर आगे की भेजता है, Repeater कहलाता है।
मॉडुलन के प्रकार :-
1. आयाम मॉडुलन (Amplitude Modulation) :- मॉडुलन की वह प्रक्रिया जिसमें वाहक तरंग का आयाम मूल तरंग के अनुसार परिवर्तित हो, जबकि आवृति और कला नियत रहे, आयाम मॉडुलन कहलाता है।
2. आवृति मॉडुलन ( frequency Modulation) :- मॉडुलन की वह प्रक्रिया जिसमें वाहक तरंग की आवृति मूल संकेत के अनुसार परिवर्तित हो, जबकि आयाम और कला नियत रहे, आवृति मॉडुलन कहलाता है।
3. कला मॉडुलन ( Phase Modulation) :- मॉडुलन की वह प्रक्रिया जिसमें वाहक तरंग की कला मूल संकेतो के अनुसार परिवर्तित हो, जबकि आयाम और आवृति नियत रहे, कला मॉडुलन कहलाता है।
मॉडुलन की आवश्यकता के कारण :-
1. एंटीना / एरियल की ऊंचाई :- किसी भी सिग्नल को भेजने के लिए एंटीना की आवश्यकता होती है। एंटीना की लंबाई कम – से – कम λ/4 होनी चाहिए।
यदि हमें 30 KHz आवृति का संचार करना है तो इसके लिए कम से कम 2.5 किलोमीटर लंबी एंटीना की आवश्यकता होगी, जो कि व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है जबकि 30 MHz आवृत्ति के संचार के लिए 2.5 मीटर लंबे एंटीना की आवश्यकता होगी। अत: स्पष्ट है कि संचार उच्च आवृत्ति पर अधिक सुविधाजनक होगा, इसलिए मॉडुलन किया जाता है।
→ यदि ν = 30 kHz, ν = c/λ
λ = c/ν = (3 × 10⁸) / (3 × 10⁴) = 10⁴ met = 10 km
ऐंटिना की लंबाई = 10/4 = 2.5 km.
→ यदि ν = 30 MHz, ν = c/λ
λ = c/ν = (3 × 10⁸) / (3 × 10⁷) = 10 met
ऐंटिना की लंबाई = 10/4 = 2.5 met.
2. एंटीना की प्रभावी शक्ति विकिरण :- किसी एंटीना की प्रभावी शक्ति विकिरण तरंगदैर्ध्य पर निम्न प्रकार से निर्भर करती है।
P ∝ (1/λ)²
अत: एंटीना की प्रभावी शक्ति विकिरण अधिक हो तो तरंगदैर्ध्य अल्प होगी जिससे आवृत्ति उच्च होनी चाहिए। अतः मॉडुलन किया जाता है।
प्रेसित्र का ब्लाॅक आरेख :-
अभिग्राही का ब्लाॅक आरेख :-
माॅडूलन सूचकांक / माॅडूलन की गहराई ( m/u) :-
m = Am/Ac
= मूल तरंग का आयाम /वाहक तरंग का आयाम
= (Amax – Amin) /(Amax + Amax )
यदि m = 0 कोई माॅडूलन नहीं है।
0 < m < 1 समान्य माॅडूलन
m > 1 अति माॅडूलन
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प्रश्न :- TV प्रसारण के लिए किस आवृत्ति परास का उपयोग होता है ?
(A) 30Hz – 300 Hz
(B) 30 kHz – 300 kHz
(C) 30MHz – 300 MHz
(D) 30 GHz – 300 GHz
प्रश्न :- क्षीणता को मापने के लिए निम्नलिखित में कौन मात्रक सही है?
(A) डेसीबल
(B) ओम
(C) ऐम्पियर
(D) वोल्ट
प्रश्न :- प्रकाशिक तंतु का सिद्धांत है।
(A) विवर्तन
(B) व्यतिकरण
(C) पूर्ण आंतरिक परावर्तन
(D) अपवर्तन
प्रश्न :- आयाम मॉडुलेशन सूचकांक का मान होता है।
(A) हमेशा शून्य होता है
(B) 1 और ∞ के बीच होता है।
(C) 0 और 1 के बीच होता है।
(D) हमेशा ∞
प्रश्न :- डिजिटल संकेत में संभव है।
(A) 0 तथा 1
(B) सभी मान
(C) 0 तथा 1 के बीच का सभी मान
(D) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न :- संचार व्यवस्था की तीन मूल इकाइयाँ (तत्व) क्या है ?
(A) प्रेषित
(B) संचार चैनल
(C) अभिग्राही
(D) इनमें से सभी
प्रश्न :- दृश्य सिग्नल, टेलीविजन व्यवस्था में होता है।
(A) आवृत्ति मॉडुलित
(B) आयाम मॉडुलित
(C) पल्स मॉडुलित
(D) कला मॉडुलित
प्रश्न :- संचार तंत्र का भाग नहीं है।
(A) प्रेषण
(B) संचरण
(C) अभिग्रहण
(D) ऊर्जा
प्रश्न :- एनालॉग संचार तंत्र का उदाहरण नहीं है।
(A) फैक्स
(B) टेलीग्राफी
(C) रडार
(D) टेलेक्स
प्रश्न :- 500 Hz के श्रव्य-आवृत्ति के आयाम मॉडुलित तरंग के लिए उपयुक्त वाहक आवृत्ति होगी।
(A) 50 Hz
(B) 100 Hz
(C) 500 Hz
(D) 50.000 Hz
प्रश्न :- वाहक (रेडियो) तरंगों पर किसी सूचना के अध्यारोपण की प्रक्रिया का नाम है।
(A) प्रेषण
(B) मॉडुलन
(C) विमॉडुलन
(D) ग्रहण
प्रश्न :- रेडियो एवं टेलीविजन प्रसारण में सूचना संकेत का रूप होता है।
(A) ऐनॅलॉग सिग्नल
(B) डिजिटल सिग्नल
(C) ‘A’ एवं ‘B’ दोनों
(D) इनमें कोई नहीं
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