Hindi Grammar Objective Question | हिंदी व्याकरण समास :- दोस्तों अगर आप लोग भी इस बार बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं का परीक्षा देने वाले हैं तो आप सभी को यहां कक्षा 12वीं का जो व्याकरण से सवाल पूछे जाते हैं आपको यहां पूरी जानकारी दी जाएगी जैसे – विशेषण ,संधि – विच्छेद , मुहावरे , लिंग – निर्णय ,उत्सर्ग , समास , यह सभी टॉपिक आपको इस वेबसाइट के माध्यम से प्रोवाइड किया जाएगा तो आप लोग नीचे दिए गए व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें जिससे आप सभी यहां से अपनी तैयारी को मजबूत कर सकते हैं तो आप सभी नीचे दिए गए व्हाट्सएप एवं टेलीग्राम ग्रुप को जरूर ज्वाइन करें
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♦ समास ♦
परिभाषा ⇒ दो या दो से अधिक शब्दों का अपने विभक्ति-चिन्हों को छोड़कर आपस में मिलना ‘समास’ कहलाता है।
पं. कामता प्रसाद गुरु के अनुसार “दो या अधिक शब्दों का परिसर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा प्रत्ययों का लोप होने पर उन दो या अधिक शब्दों से जो एक स्वतंत्र शब्द बनता है, उस शब्द को सामासिक शब्द कहते हैं और उन दो या अधिक शब्दों का जो संयोग होता है, वह समास कहलाता है।
” इस परिभाषा से समास की निम्नलिखित विशेषताएँ स्पष्ट होती हैं –
1. समास में कम-से-कम पदों का योग होता है।
2. वे दो या अधिक पद एक हो जाते हैं।
3. इन कई पदों के बीच के विभक्ति चिन्हों का लोप हो जाता है
4. इस प्रकार के शब्द को समस्त शब्द या सामासिक शब्द कहते हैं ।
5. समस्त शब्दों में कभी दोनों पद, कभी पहला पद, कभी दूसरा पद और कभी दोनों को छोड़कर अन्य पद प्रधान होता है।
👉 समास के भेद
• समास के निम्नलिखित भेद हैं।
1. अव्ययीभाव समास ⇒ जिस समास का पहला पद अव्यय हो और जिससे बना समस्त पद क्रिया-विशेषण की तरह प्रयुक्त हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
जैसे- प्रतिदिन, यथाशक्ति, प्रतिमास, आजन्म, इत्यादि । इन सामासिक शब्दों का पहला पद क्रमशः प्रति, यथा, प्रति आ अव्यय है।
2. तत्पुरुष समास ⇒ जिस समास में उत्तर पद (अंतिम पद) की प्रधानता रहती है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। इस समास के पहचानने का तरीका यह है कि दोनों पदों के बीच में कारक की विभक्ति लुप्त रहती है।
जैसे- राजपुत्र- राजा का पुत्र, दानवीर-दान में वीर, पथभ्रष्ट- पथ से भ्रष्ट, इत्यादि । तत्पुरुष समास में पहले पद की जो विभक्ति होती है, उसी विभक्ति के नाम पर तत्पुरुष समास का नामकरण होता है।
नामकरण के निम्नांकित प्रकार हैं।
(i) गृहागत— गृह को आगत, सुखप्राप्त-सुख को प्राप्त आदि ‘कर्म तत्पुरुष’ या ‘द्वितीया तत्पुरुष’ ।
(ii) अकालपीड़ित— अकाल से पीड़ित, करुणापूर्ण- करुणा से पूर्ण, कष्टसाध्य- कष्ट से साध्य ‘करण तत्पुरुष’ या ‘तृतीया तत्पुरुष’ ।
(iii) गोशाला — गाय के लिए शाला, पुत्रशोक- पुत्र के लिए शोक आदि ‘सम्प्रदान तत्पुरुष’ या चतुर्थी तत्पुरुष ।
(iv) अन्नहीन— अन्न से हीन, धनहीन- धन से हीन, दयाहीन- दया से हीन इत्यादि ‘आपदान तत्पुरुष’ या ‘पंचमी तत्पुरुष’ ।
(v) मदिरालय – मदिरा का आलय, राजपुत्र- राजा का पुत्र, विद्यार्थी- विद्या का अर्थी इत्यादि ‘संबंध तत्पुरुष’ या ‘षष्ठी तत्पुरुष’ ।
(vi) आनन्दमग्न — आनन्द में मग्न, कुलश्रेष्ठ- कुल में श्रेष्ठ, प्रेममग्न- प्रेम में मग्न इत्यादि ‘अधिकरण तत्पुरुष’ या ‘सप्तमी तत्पुरुष’ ।
3.कर्मधारय समास ⇒ वह समास, जिसमें विशेषण तथा विशेष्य अथवा उपमान (जिससे उपमा दी जाए) तथा उपमेय का मेल हो और विग्रह करने पर दोनों खंडों में एक ही कर्त्ताकारक की प्रथमा विभक्ति रहे, तो कर्मसाध्य कहलाता है।
जैसे- शैलोन्नत, शैल के समान उन्नत, – आम्रवृक्ष- आम्र है जो वृक्ष, नवयुवक- नया है जो युवक, महात्मा- महान् आत्मा, इत्यादि ।
4. द्विगु समास ⇒ संख्यावाचक विशेषण के साथ किसी शब्द का समास हो, तो उसे द्विगु समास कहते हैं । अर्थात् जिसका पहला पद संख्यावाचक हो, वह द्विगु समास होता है।
जैसे- पंचपात्र- पाँच पात्र, त्रिभुवन- तीन भुवन, चतुवर्ण- चार वर्ण, इत्यादि ।
5. बहुब्रीहि समास ⇒ जिस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता, अपितु बाहर से ही आकर कोई शब्द प्रधान हो जाता है, बहुब्रीहि समास कहलाता है।
जैसे- पंकज, लंबोदर, दशानन इत्यादि । इन सामासिक शब्दों के खंड करने पर किसी विशिष्ट अर्थ का बोध होता है ।
बहुब्रीहि समास की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
(i) यह समास दो या दो से अधिक पदों का होता है ।
(ii) इसके पदों के अर्थ से अलग अर्थ प्रधान होता है ।
(iii) इसका विग्रह शब्दों या पदों में न होकर वाक्यों में होता है ।
(iv) इसका पहला पद प्रायः कर्त्ताकारक का होता है अथवा विशेषण का।
(v) इस समास से बने पद विशेषण होते हैं। इसलिए इनका लिंग विशेष्य के अनुरूप होता है।
6. द्वंद्व समास ⇒ जिस समास में दोनों पद प्रधान हो, उसे द्वंद्व समास कहते हैं । इस समास के विग्रह में और, तथा, एवं या अथवा इत्यादि संयोजक शब्दों का प्रयोग होता है ।
जैसे – गौरीशंकर-गौरी और शंकर, मारपीट- मार या पीट, अन्नजल-अन्न और जल, इत्यादि ।
7. नञ् समास ⇒ इस समास का पहला पद ‘नञ्’ (अर्थात् नाकारात्मक) होता है। अर्थात् जो निषेधार्य प्रकट करें, नञ्’ समास कहलाता है।
जैसे – अनंत- न अंत, अभाव- न भाव, अनिष्ट- न इष्ट इत्यादि ।
विशेष द्रष्टव्य- समास मुख्यतः ऊपर लिखे सात ही है, पर नीचे लिखे उपभेदों की जानकारी भी रखनी चाहिए ।
(i) मध्यमपदलोपी- जब कर्मधारय समास में दोनों पदों को बतानेवाला शब्द लुप्त हो, तब उसे मध्यम पदलोपी समास कहते हैं।
जैसे – पर्णशाला – पर्ण से निर्मित शाला, तिलपापड़ी- तिल से बनी पापड़ी यहाँ ‘से निर्मित’ तथा ‘से बनी’ मध्यम पद का लोप हो गया है।
(ii) आदि समास — इसमें ‘प्र’ आदि उपसर्गों तथा दूसरे शब्दों का समास होता है। जैसे- प्राचार्य – प्रकृष्ट आचार्य ।
(iii) अलुक् — जिस तत्पुरुष समास में पूर्व पद की विभक्ति लुप्त नहीं होती, अलुक् समास कहते हैं। जैसे-युधिष्ठिर- युद्ध में स्थिर रहनेवाला ।
(iv) उपपद— जिस समास का अन्तिम पद ऐसा कृदन्त होता है जिसका अलग से प्रयोग नहीं होता है। जैसे- कुम्भकार- कुम्भ को करनेवाला, जलज-जल में जनमनेवाला, आदि ।
| अभ्यास प्रश्न |
1. ‘साफ-साफ’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्र
[C] द्विगु
[D] अव्ययीभाव
2. ‘कठखोदवा’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्व
[C] अव्ययीभाव
[D] द्विगु
3. ‘चिड़ीमार’ में समास है-
[A] कर्मधारय
[B] तत्पुरुष
[C] द्वन्द्व
[D] द्विगु
4. ‘मनमाना’ में कौन समास है-
[A] द्विगु
[B] द्वन्द्व
[C] तत्पुरुष
[D] अव्ययीभाव
5. ‘स्वर्ग’ प्राप्त’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] अव्ययीभाव
[D] तत्पुरुष
Hindi Grammar Objective Question | हिंदी व्याकरण समास
6. ‘शिव-पार्वती’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] तत्पुरुष
[D] कर्मधारय
7. ‘लोटा-डोरी’ में समास है-
[A] द्विगु
[B] द्वन्द्व
[C] तत्पुरुष
[D] कर्मधारय
8. ‘जीव-जंतु’ में समास है-
[A] द्विगु
[B] तत्पुरुष
[C] द्वन्द्व
[D] कर्मधारय
9. ‘भाई-बहन’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्विगु
[C] बहुब्रीहि
[D] द्वन्द्व
10. ‘थोड़ा-बहुत’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] बहुब्रीहि
[C] द्विगु
[D] कर्मधारय
11. ‘भात दाल’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्व
[C] कर्मधारय
[D] द्विगु
12. ‘नीलाम्बर’ में समास है-
[A] नीला है अम्बर (कपड़ा) जिसके वह – बहुब्रीहि
[B] द्वन्द्व
[C] द्विगु
[D] कर्मधारय
13. ‘चंद्रशेखर’ में समास है-
[A] कर्मधारय
[B] बहुब्रीहि
[C] द्वन्द्व
[D] द्विगु
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14. ‘बाता बाती’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्व
[C] बहुब्रीहि
[D] द्विगु
15. ‘सुख-दुःख’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्व
[C] बहुब्रीहि
[D] द्विगु
16. ‘राधा-कृष्ण’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] कर्मधारय
[D] तत्पुरुष
17. ‘सेठ साहूकार’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्व
[C] कर्मधारय
[D] द्विगु
18. ‘कहा-सुनी’ में समास है
[A] द्विगु
[B] तत्पुरुष
[C] द्वन्द्व
[D] बहुब्रीहि
19. ‘चंद्रमुख’ में समास है-
[A] बहुब्रीहि
[B] द्वन्द्व
[C] तत्पुरुष
[D] कर्मधारय
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20. ‘हाथोहाथ’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] अव्ययीभाव
[D] तत्पुरुष
21. भरसक में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] अव्ययीभाव
[C] द्विगु
[D] तत्पुरुष
22. व्यर्थ में समास है-
[A] अव्ययीभाव
[B] द्वन्द्व
[C] द्विगु
[D] तत्पुरुष
23. प्रतिमान में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] तत्पुरुष
[C] द्विगु
[D] अव्ययीभाव
24. प्रतिदिन में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] अव्ययीभाव
[D] तत्पुरुष
25. ‘नीलगाय’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] कर्मधारय
[C] बहुब्रीहि
[D] तत्पुरुष
26. ‘सेनापति’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] तत्पुरुष
[D] बहुब्रीहि
27. ‘हरफनमौला’ में समास है-
[A] द्विगु
[B] द्वन्द्व
[C] बहुब्रीहि
[D] तत्पुरुष
28. ‘विद्यालय’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] बहुब्रीहि
[C] कर्मधारय
[D] द्वन्द्व
29. ‘जन्मान्ध’ में समास है-
[A] कर्मधारय
[B] तत्पुरुष
[C] द्वन्द्व
[D] बहुव्रीहि
30. यथासंभव में समास है-
[A] अव्ययीभाव
[B] तत्पुरुष
[C] द्वन्द्व
[D] द्विगु
31. यथाविधि में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] अव्ययीभाव
[C] द्विगु
[D] बहुब्रीहि
32. यथाक्रम में समास है-
[A] बहुब्रीहि
[B] द्वन्द्व
[C] अव्ययीभाव
[D] द्विगु
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33. यथाशक्ति में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] बहुब्रीहि
[C] द्विगु
[D] अव्ययीभाव
34. आजन्म में समास है-
[A] अव्ययीभाव
[B] द्वन्द्व
[C] द्विगु
[D] तत्पुरुष
35.आमरण में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] अव्ययीभाव
[C] द्विगु
[D] तत्पुरुष
36. ‘आजीवन’ में कौन समास है ?
[A] अव्ययीभाव
[B] कर्मधारय
[C] द्विगु
[D] तत्पयुरुष
37. ‘घुड़सवार’ में कौन-सा समास है ?
[A] कर्मधारय
[B] तत्पुरुष
[C] अव्ययीभाव
[D] द्विगु
38. ‘नवरत्न में कौन-सा समास है?
[A] तत्पुरुष
[B] कर्मधारय
[C] द्विगु
[D] द्वन्द्व
39. ‘लम्बोदर’ में कौन-सा समास है ?
[A] कर्मधारय
[B] द्वन्द्व
[C] तत्पुरुष
[D] बहुब्रीहि
40. ‘चक्रपाणि’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] कर्मधारण
[C] बहुब्रीहि
[D] अव्ययीभाव
41. ‘कमलनयन’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्व
[C] कर्मधारय
[D] बहुब्रीहि
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42. ‘तिरंगा’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] अव्ययीभाव
[D] कर्मधारय
43. ‘आजीवन’ में समास है-
[A] अव्ययीभाव
[B] द्विगु
[C] द्वन्द्व
[D] तत्पुरुष
44. ‘नवरत्न’ में समास है-
[A] द्वन्द्व
[B] द्विगु
[C] कर्मधारय
[D] तत्पुरुष
45. ‘पीताम्बर’ में समास है-
[A] बहुब्रीहि
[B] तत्पुरुष
[C] अव्ययीभाव
[D] द्विगु
46. ‘जितेन्द्रिय’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] बहुब्रीहि
[C] कर्मधारय
[D] द्वन्द्व
47. कपड़ालत्ता में समास है-
[A] द्विगु
[B] कर्मधारय
[C] द्वन्द्व
[D] बहुव्रीहि
48. ‘अठकोना’ में कौन समास है ?
[A] कर्मधारय
[B] द्वन्द्व
[C] तत्पुरुष
[D] द्विगु
49. ‘नवयुवक’ में समास है-
[A] कर्मधारय
[B] तत्पुरुष
[C] बहुब्रीहि
[D] द्विगु
50. ‘हिमालय’ का विग्रह होगा-
[A] हिम का आलय
[B] बर्फ का घर
[C] हिम ही हिम
[D] हिम विहीन आलय
51. ‘विद्याभ्यास’ का विग्रह होगा-
[A] अभ्यास वाली विद्या
[B] विद्या का अभ्यास
[C] रटन्त विद्या
[D] अविद्या
52. ‘दुग्धोज्ज्वल’ का विग्रह होगा-
[A] पीला दूध
[B] उजला दूध
[C] दूध की भाँति उजला
[D] पानी की मिलावट वाला दूध
53. ‘त्रिभुवन’ का विग्रह होगा-
[A] तीन भुवन
[B] तीन आने
[C] त्रिमुहानी
[D] तीन भुवनों का समाहार
54. अंडे से जन्म लेनेवाला
[A] अंडज
[B] अंडा
[C] मूर्गी
[D] गाय
55. ‘द्वारपाल’ का विग्रह होगा-
[A] द्वार के अंदर
[B] द्वार की रक्षा करनेवाला
[C] द्वार के बाहर
[D] आदमी
56. ‘लाभालाभ’ का विग्रह होगा-
[A] लाभ
[B] लबालब
[C] लाभ या अलाभ
[D] लाभ ही लाभ
57. ‘आपातजीवी’ का विग्रह होगा-
[A] बिना धूप के जीने वाला
[B] धूप रहित जीव
[C] छाया में जीनेवाला
[D] आतप (धूप) से जीने वाला
58. ‘पीताम्बर’ बहुब्रीहि समास जब होगा तो विग्रह विच्छेद होगा
[A] पीत (पीला) है अम्बर जिसमें वह
[B] पीला + अम्बर
[C] पीत अम्बर
[D] कोई नहीं
59. पीताम्बर कर्मधारय समास जब होगा तो विग्रह होगा-
[A] पीता हुआ पानी
[B] पीला अम्बर
[C] उजला आकाश
[D] कोई नहीं
60. ‘गुण-दोष’ का विग्रह होगा-
[A] गुण-दोष नहीं
[B] दोष गुण नहीं
[C] गुण या दोष
[D] कोई नहीं
61. ‘मुक्का-मुक्की’ में कौन समास है-
[A] कर्मधारय
[B] तत्पुरुष
[C] द्वन्द्व
[D] बहुब्रीहि
62. ‘बेखटके’ में कौन समास है
[A] अव्ययीभाव
[B] कर्मधारय
[C] तत्पुरुष
[D] द्विगु
63. ‘भरपेट’ में कौन समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] अव्ययीभाव
[C] कर्मधारय
[D] द्विगु
64. ‘यथास्थान’ में समास है-
[A] तत्पुरुष
[B] द्वन्द्व
[C] अव्ययीभाव
[D] द्विगु
65. ‘त्रैलोक्य’ में समास है-
[A] द्विगु
[B] तत्पुरुष
[C] द्वन्द्व
[D] बहुब्रीहि