प्रतिचुंबकीय अनुचुंबकीय तथा लोहचुंबकीय से क्या समझते हैं | Diamagnetic, Paramagnetic and Ferromagnetic
Class 12th Physics

प्रतिचुंबकीय अनुचुंबकीय तथा लोहचुंबकीय से क्या समझते हैं | Diamagnetic, Paramagnetic and Ferromagnetic

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♦ भू-चुम्बकत्व (Terrestrial Magnetism) ♦

” चुम्बक का दैशिक गुण होता है जिससे वह सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में रूकता है। इसका कारण यह है कि पृथ्वी भी एक बड़े चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है।”

• पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखाएँ समान दूरी पर तथा समानांतर होती है और उत्तर की ओर दिष्ट होती है।

पृथ्वी के चुंबकीय तत्त्व :- किसी स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के परिमाण और दिशा का पूर्ण ज्ञान जिन राशियों से प्राप्त होता है, उन्हें उस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय तत्त्व कहते हैं।

पृथ्वी के चुंबकीय तत्त्व के तीन अवयव है :-

1. दिक्पात का कोण (Angle of Declination)

2. नति कोण या नमन कोण (Angle of Dip)

3. चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक (Horizontal Component of Magnetic Field)

1. दिक्पात कोण (Angle of Declination) :— किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को दिक्पात कोण कहते है।

याद रखें :-

(i) किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर (magnetic meridian) वह उर्ध्वाधर समतल है जो पृथ्वी के चुम्बकीय अक्ष से गुजरता है और भौगोलिक याम्योत्तर (Geographical Meridian) वह उर्ध्वाधर समतल है, जो पृथ्वी के भौगोलिक अक्ष से गुजरता है।

(ii) पृथ्वी के भौगोलिक अक्ष एवं चुम्बकीय अक्ष के बीच का कोण लगभग 18° होता है।

2. नति या नमन कोण (Angle of Dip) :— किसी स्थान पर पृथ्वी का सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज तल के साथ जितना कोण बनाता है, उसे उस स्थान का नमन कोण कहते है।

• पृथ्वी के ध्रुव पर नमन कोण का मान 90° तथा विषुवत रेखा पर 0° पर होता है।

3. चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक (Horizontal Component of Magnetic Field) :— पृथ्वी के सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक (H) अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है । परन्तु इसका मान लगभग 0.4 गौस या 0.4 × 14 -4 टेसला होता है।

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चुम्बकीय पदार्थों का वर्गीकरण (Classification of Magnetic Substances)

सन् 1846 में फैराडे ने अपने प्रयोगों के आधार पर बताया कि संसार में प्रायः सभी पदार्थों में चुम्बकत्व के कुछ गुण पाये जाते हैं। उन्होंने अनेक पदार्थों को चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर उनके चुम्बकीय व्यवहारों का अध्ययन किया तथा इस आधार पर पदार्थों को तीन वर्गों में विभाजित किया।

1. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ (Diamagnetic substances)
2. अनुचुम्बकीय पदार्थ (Paramagnetic substances)
3. लौहचुम्बकीय पदार्थ (Ferro-magnetic substances)

1. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ (Diamagnetic substances) :— वैसा पदार्थ जो चुंबकीय क्षेत्र में दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं प्रति चुंबकीय पदार्थ कहलाता है।
  जैसे :- फॉस्फोरस (P), जस्ता (Zn) ताँबा (Cu), चाँदी (Ag), सोना (Au), नमक (NaCl), जल (H2O), हाइड्रोजन (H2) नाइट्रोजन (N2) पारा (Hg) आदि।

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के गुण :-

(i) ये पदार्थ शक्तिशाली चुम्बक द्वारा हल्का-सा प्रतिकर्षित होते हैं।
(ii) इन पदार्थों को शक्तिशाली चुम्बक के ध्रुवों के मध्य लटकाने पर इनकी लम्बाई चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् हो जाती है।


(iii) ये पदार्थ अधिक तीव्रता वाले क्षेत्र से कम तीव्रता वाले क्षेत्र की ओर जाते हैं।
(iv) किसी प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के विलयन को U नली में भरकर नली की एक भुजा को प्रबल चुम्बकीय ध्रुवों के बीच रखने पर उस भुजा में विलयन का तल नीचे गिर जाता है।

(v) प्रतिचुम्बकीय पदार्थों का व्यवहार ताप के परिवर्तन से अप्रभावित रहता है।
(vi) इन पदार्थों के स्थायी चुम्बक नहीं बनाये जा सकते है।
(vii) इन पदार्थों की चुम्बकशीलता का मान 1 से कम होता है। (viii) इन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति ऋणात्मक होती है।
(ix) उदाहरण — बिस्मथ, फॉस्फोरस, एण्टिमनी, पारा, वायु आदि ।

2. अनुचुम्बकीय पदार्थ (Paramagnetic substances) :— वैसा पदार्थ जिसे बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर दुर्बल रूप से आकर्षित होता है अनुचुंबकीय पदार्थ कहलाता है।
जैसे :- ऐल्यूमीनियम (Al), मैंगनीज (Mn), प्लेटिनम (Pt), सोडियम (Na), कॉपर क्लोराइड (CuCl2) ऑक्सीजन (O2) आदि।

अनुचुम्बकीय पदार्थ के गुण :-

(i) ये पदार्थ शक्तिशाली चुम्बक द्वारा हल्का-सा आकर्षित होते हैं।
(ii) इन पदार्थों को शक्तिशाली चुम्बक के ध्रुवों के मध्य लटकाने पर इनकी लम्बाई चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर हो जाती है।

(iii) ये पदार्थ कम तीव्रता वाले क्षेत्र से अधिक तीव्रता वाले क्षेत्र की ओर जाते हैं।
(iv) यदि किसी अनुचुम्बकीय द्रव को U नली में भरकर, नली की एक भुजा को प्रबल चुम्बकीय ध्रुवों के बीच रख दें तो द्रव का तल उस भुजा में ऊपर उठ जाता है।

(v) अनुचुम्बकीय पदार्थों की आपेक्षिक चुम्बकशीलता 1 से कुछ अधिक होती है।
(vi) ताप बढ़ाने पर अनुचुम्बकीय पदार्थों का अनुचुम्बकत्व कम हो जाता है, तथा ताप घटाने पर बढ़ जाता है।
(vii) इन पदार्थों के स्थायी चुम्बक नहीं बनाये जा सकते है।
(viii) इन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति धनात्मक किन्तु कम होती है।
(ix) उदाहरण – मैंगनीज, प्लेटिनम, सोडियम, ऐल्युमिनियम आदि ।

3. लौहचुम्बकीय पदार्थ (Ferro-magnetic substances) :— वैसा पदार्थ जो चुंबकीय क्षेत्र में प्रबलता से आकर्षित होते हैं लोह चुंबकीय पदार्थ कहलाता है।
जैसे :- लोहा (Fe), निकिल (Ni), कोबाल्ट (Co) तथा इनकी मिश्र धातुएँ (alloys) जैसे कोबाल्ट-स्टील, कोबाल्ट-क्रोम-स्टील, टंगस्टन – स्टील आदि।

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लौहचुम्बकीय पदार्थ के गुण :-

(i) ये पदार्थ कम शक्तिशाली चुम्बक द्वारा भी आकर्षित होते हैं।
(ii) इन पदार्थों को किसी भी चुम्बक के ध्रुवों के मध्य लटकाने पर इनकी लम्बाई क्षेत्र के समानान्तर हो जाती है।
(iii) इसका व्यवहार अनुचुम्बकीय के समान होती है।
(iv) इन पदार्थों की आपेक्षिक चुम्बकशीलता का मान बहुत अधिक होता है।
(v) ताप बढ़ाने पर लौह-चुम्बकीय पदार्थ का लौह-चुम्बकत्व कम होने लगता है और क्यूरी ताप पर यह अनुचुंबकीय पदार्थ में बदल जाता है।
(vi) इन पदार्थों के स्थायी चुम्बक बनाये जाते हैं।
(vii) इन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक एवं अधिकतम होती है।
(viii) उदाहरण- लोहा-इस्पात, निकेल, कोबाल्ट आदि ।

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क्यूरी ताप (Curie Temparature) :— वह ताप जिसके उपर पदार्थ अनु-चुम्बकीय या जिसके नीचे पदार्थ लौह चुम्बकीय होता है, क्यूरी ताप कहलाता है।

• लोहा एवं निकिल के लिए क्यूरी ताप क्रमश: 770°C तथा 358°C होता है।

डोमेन (Domains) :- चुम्बक के असंख्य परमाणुओं के समूह को डोमोन कहा जाता है।
• एक डोमेन में 1018 से 1021 तक परमाणु होते है।
• लौह- चुम्बकीय पदार्थों का तीव्र चुम्बकत्व डोमेन के कारण ही होता है।


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प्रश्न :- एक स्थिर चुम्बक हमेशा दर्शाता है।

(a) उत्तर-उत्तर तथा दक्षिण-दक्षिण

(b) उत्तर-दक्षिण तथा दक्षिण-उत्तर

(c) पूरब- पूरब तथा पश्चिम- पश्चिम

(d) कोई नहीं

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(a) उत्तर-उत्तर तथा दक्षिण-दक्षिण


प्रश्न :- चुम्बकीय कम्पास की सूई किस ओर इंगित करती है।

(a) चुम्बकीय उत्तर

(b) चुम्बकीय दक्षिण

(c) चुम्बकीय उत्तर व चुम्बकीय दक्षिण

(d) कोई नहीं

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(c) चुम्बकीय उत्तर व चुम्बकीय दक्षिण


प्रश्न :- मुक्त रूप से लटकी चुम्बकीय सूई का अक्ष भौगोलिक अक्ष के साथ कोण बनाता है –

(a) 20° का

(b) 16° का

(c) 18° का

(d) 15° का

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(c) 18° का


प्रश्न :- इनमें से पैरामैग्नेटिक कौन है –

(a) Cu

(b) Cu+

(c) Mg2+

(d) H2
 

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(c) Mg2+


प्रश्न :- निम्न में कौन-सा पदार्थ अनुचुम्बकीय है –

(a) लोहा

(b) हाइड्रोजन

(c) ऑक्सीजन

(d) नाइट्रोजन

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(c) ऑक्सीजन


प्रश्न :- निम्नलिखित में कौन एक अचुम्बकीय पदार्थ है – –

(a) लोहा

(b) निकिल

(c) कोबाल्ट

(d) पीतल

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(d) पीतल


प्रश्न :- चुम्बकीय ध्रुव पर नमन कोण कितना होता है –

(a) 0°

(c) 90°

(b) 45°

(d) 180°

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(c) 90°


प्रश्न :- किसी चुम्बक को गर्म करने से उसके चुम्बकत्व पर क्या असर पड़ता है –

(a) बढ़ जाता है।

(b) घट जाता है।

(c) अप्रभावित रहता है।

(d) नष्ट हो जाता है।

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(d) नष्ट हो जाता है।


प्रश्न :- एक स्थायी चुम्बकीय पदार्थ होना चाहिए।

(a) प्रति चुम्बकीय

(b) लौह चुम्बकीय

(c) अनुचुम्बकीय

(d) अचुम्बकीय

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(b) लौह चुम्बकीय


प्रश्न :- प्रति चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकशीलता –

(a) अधिक होती है।

(b) बहुत कम होती है।

(c) शून्य होती है।

(d) कोई नहीं।

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(b) बहुत कम होती है।


प्रश्न :- निम्न स्थान के अतिरिक्त प्रत्येक स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतित्र घटक होता है –

(a) विषुवत् रेखा

(b) चुम्बकीय ध्रुव

(c) 60⁰ के अक्षांश पर

(d) 50⁰ के अक्षांश पर

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(b) चुम्बकीय ध्रुव


प्रश्न :- निम्न में कौन-सा पदार्थ प्रति चुम्बकीय है –

(a) विस्मथ

(b) एंटीमनी

(c) क्रोमियम

(d) पानी

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(c) क्रोमियम


प्रश्न :- विषुवत रेखा पर नमन कोण का मान होता है –

(a) 0°

(b) 60°

(c) 45°

(d) 90°

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(a) 0°

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