Class 12th Physics Electric Potential , Potential Difference | विद्युत विभव , विभवान्तर परिभाषा ,मात्रक ,बीमा
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Class 12th Physics Electric Potential , Potential Difference | विद्युत विभव , विभवान्तर परिभाषा ,मात्रक ,बीमा

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Class 12th Physics Electric Potential , Potential Difference

♦ विद्युत विभव (Electric potential) ♦

किसी परीक्षण आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु पर लाने में प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध किया गया कार्य उस बिंदु पर विद्युत विभव (Electric potential) कहलाता है।

विद्युत विभव वह भौतिक गुण है जो विद्युत आवेश के प्रवाह की दिशा को निर्धारित करता है।

• इसे V से सूचित करते हैं।
• विद्युत विभव एक अदिश राशि है।
• विद्युत विभव का मात्रक जूल /कुलाॅम्ब या वोल्ट होता है।
• इसकी बीमा ML2 T-3 A -1 होता है ।

यदि परीक्षण आवेश q0 को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु पर लाने में किया गया कार्य W हो

1 वोल्ट :- यदि एक कुलाॅम्ब आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में किया गया कार्य एक जूल हो तो उसे बिंदु पर विद्युत विभव 1 वोल्ट कहलाता है।

विद्युत विभव (Electric potential) के गुण :-

• विद्युत विभव एक अदिश राशि है इसका मान धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य भी हो सकता है।
• विद्युत क्षेत्र की दिशा में विद्युत विभव घटता है।
• एक धन आवेश के कारण विद्युत विभव हमेशा धनात्मक तथा ऋण आवेश के कारण विद्युत विभव हमेशा ऋणात्मक होता है।
• कुल विद्युत विभव का मान सभी विभव के योग के बराबर होता है।

Class 12th Physics Electric Potential Potential Difference

विभवान्तर (Potential Difference) :-

किसी आवेश के विद्युत क्षेत्र में एक परीक्षण आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक विस्थापित करने में प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध किया गया कार्य उन दो बिंदुओं के बीच विभवान्तर (Potential Difference) कहलाता है।

माना विद्युत क्षेत्र के दो बिंदु A तथा B के बीच परीक्षण आवेश qo को विस्थापित करने में किया गया कार्य WAB हो तो

विभावांतर की परिभाषा से,

VB – VA  =  Wext (A → B) ⁄ qo

• विभावांतर का S.I मात्रक वोल्ट या जूल / कुलाॅम्ब होता है।
• दो बिंदुओं के बीच विभव का अंतर विभावांतर कहलाता है।
• इसे वोल्टा भी कहते हैं ।
• विभावांतर एक अदिश राशि है।
• दो बिंदुओं के बीच विभावांतर निर्देश बिंदु पर निर्भर नहीं करता है।

विद्युत विभव के प्रकार :-

(i) धनात्मक विभव
(ii) ऋणात्मक विभव

(i) धनात्मक विभव :- एकांक धन आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में स्थिर वैद्युत बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है तो उस बिंदु का विभव धनात्मक विभव कहलाता है।
• धन आवेश के कारण विद्युत विभव धनात्मक विभव होता है।

(ii) ऋणात्मक विभव :- एकांक धन आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में स्थिर वैद्युत बल द्वारा कार्य करना पड़ता है तो उस बिंदु का विभव ऋणात्मक विभव कहलाता है।
• ऋण आवेश के कारण विद्युत विभव ऋणात्मक विभव होता है।

इलेक्ट्रॉन वोल्ट (Electron Volt) :- यदि दो बिंदुओं के बीच विभावांतर 1 वोल्ट हो तो एक इलेक्ट्रॉन को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य इलेक्ट्रॉन वोल्ट कहलाता है।

• यह कार्य तथा ऊर्जा का मात्रक होता है।
     1 Electron Volt = 1.6 × 10-19C

विद्युत विभव का भौतिक अर्थ :-

• किसी चालक को धन आवेश देने पर उसका विद्युत विभव बढ़ने लगता है ।
• किसी चालक का विभव उसकी एक विद्युतीय अवस्था है जिस पर आवेश के प्रवाह की दिशा निर्भर करती है यदि उसे अन्य चालक के संपर्क में रखा जाए।
• इलेक्ट्रॉन हमेशा कम विभव वाले चालक से अधिक विभव वाले चालक की ओर प्रवाहित होते हैं।
• विद्युत प्रवाह की दिशा इलेक्ट्रॉन के गति के विपरीत दिशा में मानी जाती है।

पृथ्वी का विभव :-

(i) पृथ्वी का मानक विभव को शून्य माना गया है ।
(ii) जिस वस्तु में धन आवेश होता है उसका विभव धनात्मक अर्थात शून्य से अधिक या पृथ्वी के विभव से अधिक होता है।

(iii) जिस वस्तु में ऋणावेश होता है उसका विभव ऋणात्मक अर्थात शून्य से कम या पृथ्वी के विभव से कम होता है।

समविभवी पृष्ठ (Equipotential Surface) :-

वैसा पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिंदु पर विद्युत विभव समान होता है समविभवी पृष्ठ (Equipotential Surface) कहलाता है।

समविभवी पृष्ठ के गुण :-

• समविभवी पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु पर विद्युत विभव समान रहता है।
• समविभवी पृष्ठ में एकांक धनावेश या परिक्षण आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य शुन्य होता है।
• विद्युत क्षेत्र की रेखाएं समविभव पृष्ठ के लंबवत होती है।
• दो समविभवी पृष्ठ एक दूसरे को कभी नहीं कटते हैं।
• किसी विद्युत चालक का पृष्ठ समविभवी पृष्ठ होता है।
• समविभवी पृष्ठ के अनुदिश विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है।

Class 12th Physics Electric Potential Potential Difference

विद्युत स्थितिज ऊर्जा (Electrical Potential Energy) :-

विद्युत स्थितिज ऊर्जा उसे किए गए कार्य के बराबर होती है जो किसी आवेश को अनंत से लाकर System की रचना करने में होती है विद्युत स्थितिज ऊर्जा कहलाता है।

• विद्युत स्थितिज ऊर्जा एक अदिश राशि है।

दो बिंदु आवेशों के निकाय के विद्युत स्थितिज ऊर्जा :-

माना दो बिंदु आवेश +q1 तथा +q2 है जो एक दूसरे से r दूरी पर स्थित है बिंदु A पर स्थित आवेश +q1 के कारण बिंदु B पर विद्युत विभव

अतः q2 आवेश को अनंत से B तक लाने में किया गया कार्य

यह कार्य ही आवेशो के System के विद्युत स्थितिज ऊर्जा होती है।


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