What is logic gate Write the truth table and Boolean expression of AND OR and NOT gate,
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♦ संख्या-पद्धतियाँ (Number Systems) ♦
संख्याओं की अनेक पद्धतियाँ उपयोग में लाई जाती हैं। जैसे-
(i) दशमिक संख्या पद्धति (Decimal number system)
(ii) द्वि-आधारी पद्धति (Binary number system)
(iii) अष्ट संख्या पद्धति (Octal number system) आदि ।
(i) दशमिक संख्या पद्धति (Decimal number system) :- इस पद्धति में दस अंक (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) किसी भी संख्या को निरूपित करने में प्रयुक्त होते हैं। किसी भी संख्या में प्रत्येक अंक (digit) का एक ‘स्थानिक मान’ (place-value) होता है।
3756 = 3×10³ + 7×10² + 5×10¹ + 6×10⁰
स्पष्ट है कि इस पद्धति में किसी भी संख्या के प्रत्येक अंक का स्थान 10 की एक विशेष घात का स्थान होता है।
अतः दशमिक संख्या पद्धति का आधार (base) 10 है।
(ii) द्विआधारी संख्या पद्धति (Binary number system) :- इस पद्धति में किसी भी संख्या को निरूपित करने के लिए केवल दो अंक (0 तथा 1) प्रयुक्त किये जाते हैं। अतः द्विआधारी संख्या पद्धति का आधार (base) 2 है।
दो द्विआधारी संख्याओं 0 तथा 1 को ‘बिट’ (bit) कहते हैं। इस प्रकार सभी द्विआधारी संख्याएँ 0 तथा 1 विटों से “बनी श्रृंखलाएँ (chain) होती हैं। उदाहरण के लिए द्विआधारी संख्याओं 10, 101, 1011 को इस प्रकार पढ़ा जाता है-एक शून्य (onc-zero), एक शून्य- एक (one zero-one), एक-शून्य-एक-एक (one-zero-one-one)।
दशमिक संख्या पद्धति से द्विआधारी संख्या पद्धति में रूपान्तरण (Conversion from Decimal Number System to Binary Number System) :-
→ किसी दशमिक संख्या को तुल्य द्विआधारी संख्या में रूपान्तरित करने के लिए दशमिक संख्या को तब तक 2 से भाग करते जाते हैं जब तक कि भागफल (quotient) शून्य नहीं हो जाता, तथा प्रत्येक बार भाग करने में शेषफल (Remainder) को लिखते जाते हैं। अंत में इन शेषफलों को उल्टे क्रम में (in reverse order) लिखने पर तुल्य द्विआधारी संख्या प्राप्त हो जाती है।
उदाहरण : दशमिक संख्या 41 को द्विआधारी संख्या में परिवर्तन
⇒ (41)10 = (101001)2
→ यदि दशमिक संख्या कोई भिन्न (fraction) है, तो उसके तुल्य द्विआधारी संख्या प्राप्त करने के लिए दशमिक भिन्न को उत्तरोत्तर 2 से गुणा करते जाते हैं, प्रत्येक गुणनफल में प्राप्त पूर्णांक (0 अथवा 1) को अलग लिखते जाते हैं, तथा गुणनफल के भिन्नात्मक भाग को आगे तब तक 2 से गुणा करते हैं जब तक कि गुणनफल शून्य नहीं हो जाता। अलग लिखे गये द्वि-आधारी अंकों (0 तथा 1 ) को ऊपर से नीचे क्रम में लिखकर प्रारम्भ में दशमलव बिन्दु अंकित कर देते हैं। यही तुल्य द्विआधारी भिन्न होती है।
उदाहरण : दशमिक भिन्न 0.875 को द्विआधारी भिन्न में परिवर्तन
द्विआधारी अंक | |
0.875 × 2 = 1.750 0.750 × 2 = 1.500 0.500 × 2 = 1.000 0.000 × 2 = 0.000 | 1 1 1 0 |
⇒ (0.875)10 = (0.1110)2
द्विआधारी संख्या पद्धति से दशमिक संख्या पद्धति में रूपान्तरण (Conversion from Binary Number System to Decimal Number System) :-
→ द्वि-आधारी पूर्ण संख्या (Whole Number) को तुल्य दशमिक संख्या में बदलने के लिये निम्न चरण हैं-
(i) द्विआधारी संख्या को (इसके समस्त बिट) एक पंक्ति में लिख लेते हैं।
(ii) बिटों के ठीक नीचे, दायों से बायी ओर चलते हुए 2⁰, 2¹, 2², 2³ ….. या ( 1, 2, 4, 8 ,…) लिखते हैं।
(iii) 0 बिटों के नीचे वाली दशमिक संख्याओं को काट देते हैं।
(iv) शेष संख्याओं को जोड़ लेते हैं। यह योग ही तुल्य दशमिक संख्या है।
उदाहरण : द्विआधारी संख्या (10101)2 को दशमिक संख्या में परिवर्तन
1 | 0 | 1 | 0 | 1 |
= 1×24 + 0×23 + 1×22 + 0×21 + 1×20
= 1×16 + 0×8 + 1×4 + 0×2 + 1×1
= 16 + 0 + 4 + 0 + 1
= 21
⇒ (10101)2 = (21)10
→ द्वि-आधारी भिन्न (fraction) को तुल्य दशमिक भिन्न में बदलने के लिये निम्न चरण हैं-
(i) द्विआधारी भिन्न को एक पंक्ति में लिख लेते हैं।
(ii) द्वि-आघारी बिन्दु के परे, बिटों के ठीक नीचे, बायीं से दायीं ओर चलते हुए 2-1, 2-2, 2-3…….. (या 1/2, 1/4, 1/8 ,……) लिख लेते हैं।
(iii) 0 बिटों के नीचे की भिन्नों को काट देते हैं।
(iv) शेष भिन्नों को जोड़ लेते हैं। यह योग ही तुल्य दशमिक भिन्न है।
उदाहरण : द्विआधारी भिन्न (0.101)2 को दशमिक भिन्न में परिवर्तन
0 | . | 1 | 0 | 1 |
= 1×2 -1 + 0×2-2 + 1×2-3
= 1× 1/2 + 0× 1/4 + 1×1/8
= 1/ 2 + 0 + 1/8
= 0.625
⇒ (0.101)2 = (0.625)10
द्विआधारी संख्याओं का योग (Sum of Binary Numbers) :-
(i) 0 + 0 = 0
(ii) 1 + 0 = 1
(iii) 0 + 1 = 1
(iv) 1 + 1 = 10 (एक-शून्य)
उदाहरण :
द्विआधारी संख्याओं का अन्तर (Difference of Binary Numbers) :-
(i) 0 – 0 = 0
(ii) 1 – 0 = 1
(iii) 1 – 1 = 0
(iv) 10 – 1 = 1
उदाहरण :
द्विआधारी संख्याओं का गुणन (Multiplication of Binary Numbers) :-
(i) 0 × 0 = 0
(ii) 0 × 1 = 0
(iii) 1 × 0 = 0
(iv) 1 × 1 = 1
उदाहरण :
द्विआधारी संख्याओं का भाग (Division of Binary Numbers) :-
(i) 0 ÷ 1 = 0
(ii) 1 ÷ 1 = 1
उदाहरण :
What is logic gate? Write the truth table and Boolean expression of AND OR and NOT gate .
लॉजिक गेट (Logic Gates)
ऐसा आंकिक परिपथ जो कि निवेशी (input) तथा निर्गत (output) संकेतों (signals) के बीच किसी तर्कसंगत सम्बन्धन (logical relationship) पर आधारित हैं, लॉजिक गेट कहलाता है।
→ लॉजिक गेट आफिक परिपथों के आधार स्तम्भ है। वे सामान्यतः स्विचों, रिले, डायोडों, ट्रांजिस्टरों या एकीकृत परिपथों (lC’s) को प्रयुक्त करके बनाये जा सकते हैं।
मूल लॉजिक गेट तीन हैं-
(i) OR गेट
(ii) AND गेट
(iii) NOT गेट
सत्यता सारणी (Truth Table) :– किसी लॉजिक गेट की सत्यता सारणी यह सारणी है जो उस गेट के लिये सभी सम्भव निवेशी संयोगों (input combinations) तथा संगत निर्गमों (outputs) को प्रदर्शित करती है।
बूलीय व्यंजक (Boolean Expression ) – वह व्यंजक जो दो बूलीय चरों (Boolean variables) के ऐसे संयोग को प्रदर्शित करता है जिससे एक नया बूलीय चर प्राप्त होता है, ‘बूलीय व्यंजक’ कहलाता है।
(i) OR Gate :- OR गेट दो (अथवा अधिक) निवेशी चर (input variables) A व B तथा एक निर्गत चर (output variable) Y वाली युक्ति है। इसका बूलीय व्यंजक है-
A + B = Y
जिसे A OR B equals Y पढ़ा जाता है।
इसका लॉजिक प्रतीक चित्र में प्रदर्शित है।
(ii) AND Gate :- AND गेट भी एक द्वि-निवेशी (two-input) तथा एकल-निर्गम (one-output) लॉजिक गेट है। यह दो निवेशी चरों A तथा B को संयुक्त करके एक निर्गत चर Y देता है। इसका बूलीय व्यंजक है
A • B = Y
जिसे A AND B equal Y पढ़ा जाता है।
इसका लॉजिक प्रतीक चित्र में प्रदर्शित है।
(iii) NOT Gate :- NOT गेट में केवल एक निवेशी घर (input) तथा एक निर्गम घर (output) होता है। यह निवेशी A को निर्गम Y के साथ निम्न बूलीय व्यंजक के अनुसार संयुक्त करता है-
जिसे ‘A NOT equals Y’ पढ़ा जाता है। इसका लॉजिक प्रतीक चित्र में प्रदर्शित है।
What is logic gate Write the truth table and Boolean expression of AND OR and NOT gate
गेटों के संयोग (Combinations of Gates) :-
(i) NAND Gate :- AND Gate तथा NOT Gate के संयोग से NAND Gate की रचना होती है। इसमें AND Gate का निर्गम NOT Gate का निवेश होता है। NAND Gate का लॉजिक प्रतीक चित्र में प्रदर्शित है।
NAND Gate का बूलिय व्यंजक तथा सत्यता – सारणी निम्नवत् है।
(ii) NOR Gate :- OR Gate तथा NOT Gate के संयोग से NOR Gate की रचना होती है। इसमें OR Gate का निर्गम NOT Gate का निवेश होता है। NOR Gate का लॉजिक प्रतीक चित्र में प्रदर्शित है।
NOR Gate का बूलिय व्यंजक तथा सत्यता – सारणी निम्नवत् है।
What is logic gate? Write the truth table and Boolean expression of AND OR and NOT gate .
प्रश्न :- द्विआधारी संख्या 111 निरूपित करती है-
(A) एक
(B) सात
(C) तीन
(D) एक सौ ग्यारह
प्रश्न :- दशमिक संख्या 25 को द्विआधारी में लिखें।
(A) (1100)2
(B) (1001)2
(C) (110012
(D) (11101)2
प्रश्न :- चित्र में दिखाया गया लॉजिक गेट है।
(A) OR
(B) NOR
(C) NAND
(D) AND
प्रश्न :- मूल गेट के लिए निम्नलिखित में कौन सही है?
(A) AND, OR
(B) NAND, NOR
(C) OR, NOT
(D) AND, OR, NOT
प्रश्न :- निम्न में से कौन-सा तर्क द्वार सार्वजनिक तर्क द्वार है?
(A) OR
(B) AND
(C) NOT
(D) NAND
What is logic gate Write the truth table and Boolean expression of AND OR and NOT gate
प्रश्न :- जिस लॉजिक गेट के दोनों निवेशों को केवल अवस्था 1 में रहने पर ही निर्गम 1 प्राप्त होता है. वह लॉजिक गेट है।
(A) OR
(B) AND
(C) NOR
(D) NAND
प्रश्न :- जिस लॉजिक गेट के दोनों निवेशों (inputs) को 0 अवस्था में रहने देने पर निर्गम (output) 1 प्राप्त होता है, वह लॉजिक गेट है।
(A) AND
(B) NAND
(C) OR
(D) NOR
प्रश्न :- दिया गया तर्क परिपथ किसके समतुल्य है ?
(A) OR – Gate
(B) NOR – Gate
(C) NAND – Gate
(D) AND – Gate